सीआरपीसी का परिचय
125 सीआरपीसी, जिसे आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत नियमों में से एक माना जाता है, वह प्रावधान है जिसके द्वारा गुजारा भत्ता के मामलों का निपटारा किया जाता है। यह भारतीय कानूनी प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह प्रावधान उन व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करता है जो अपने जीवन निर्वाह के लिए आर्थिक सहायता की आवश्यकता महसूस करते हैं।
परिवाद तैयार करने की प्रक्रिया
125 सीआरपीसी पर विशेष परिवाद तैयार करने के लिए, सबसे पहले संबंधित न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करना आवश्यक है। आवेदन में आवेदक की पहचान, विवाद की संक्षिप्त जानकारी तथा वह धनराशि का उल्लेख होना चाहिए, जिसे वह गुजारा भत्ता के रूप में प्राप्त करना चाहता है। आवेदन पत्र को सही ढंग से भरना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह प्रक्रिया की पहली सीढ़ी है।
साक्ष्य और सुनवाई
परिवाद की सुनवाई के दौरान, आवेदक को अपने दावों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा। इसमें वित्तीय स्थिति, परिवार की जरूरतों और आवेदक की छवि को ध्यान में रखना आवश्यक है। न्यायालय मामले की सुनवाई के बाद उचित निर्णय लेगा, जिसके द्वारा आवश्यक निवारक कदम उठाए जा सकते हैं।
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